
कई रेलगाड़ियों के नाम तो लेखकों की प्रसिद्ध साहित्यिक रचनाओं के नाम पर रखे गए हैं। बांग्ला के महान कवि लेखक रविंद्र नाथ टैगोर की नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रचना गीतांजलि के नाम पर गीतांजलि एक्सप्रेस ( मुंबई- हावड़ा - 12859 ) दौड़ती है।
बंगाल में ही सियालदह से सहरसा के बीच एक ट्रेन चलती है हाटे बाजारे एक्सप्रेस (13163)। सहरसा से सियालदह के बीच चलनेवाली हाटे बजारे एक्सप्रेस मानसी होते हुए महेशखूंट, थाना विहपुर, नवगछिया होते हुए कटिहार होकर सियालदह जाती है।
आपको पता है हाटे बाजारे बांग्ला के प्रसिद्ध लेखक बनफूल की कहानी है जो अच्छाई और बुराई के बीच संघर्ष करती है। 1962 में उन्हे इस कृति के लिए रविंद्र पुरस्कार मिला था। वैसे बनफूल साहित्यिक नाम है लेखक का पूरा नाम बलाई चंद मुखोपाध्याय था। हाटे बाजारे नाम से 1967 में बांग्ला में एक सुपरहिट फिल्म भी बनी थी जिसमें अशोक कुमार और वैजयंती माला ने अभिनय किया था। फिल्म का निर्माण मशहूर फिल्मकार तपन सिन्हा ने किया था।
बांग्ला के एक और प्रसिद्ध कवि सुभाष मुखोपाध्याय की काव्य रचना पर पदातिक के नाम पर पदातिक एक्सप्रेस ( सियालदह से न्यू जलपाई गुड़ी -12377 ) दौड़ती है। वहीं काजी नजरूल इस्लाम की काव्य रचना अग्निवीणा के नाम पर अग्निवीणा एक्सप्रेस ( हावड़ा आसनसोल 12341 ) दौड़ती है। पदातिक और अग्निवीणा जैसे साहित्यिक नामों का चयन ममता बनर्जी के रेल मंत्री के कार्यकाल में हुआ।

वाराणसी के निवासी महान हिंदी साहित्यकार जय शंकर प्रसाद की काव्य रचना कामायनी के नाम पर कामायनी एक्सप्रेस ( मुंबई-वाराणसी -11071 ) दौड़ती है। वहीं हिंदी के कथा सम्राट प्रेमचंद की मशहूर कृति गोदान के नाम पर गोदान एक्सप्रेस ( गोरखपुर - मुंबई एलटीटी -11055 ) नामक ट्रेन है।
कविगुरु एक्सप्रेस से महामना एक्सप्रेस तक
महापुरुषों के नाम पर ट्रेनों के नाम रखे जाने की परंपरा कम रही है। पर रविंद्र नाथ टैगोर के नाम पर हमें कविगुरु एक्सप्रेस नाम मिलता है। कविगुरु एक्सप्रेस नाम से तो ट्रेनों सीरीज है। स्वामी विवेकानंद के नाम पर विवेक एक्सप्रेस सीरीज की रेलगाड़ियां दौड़ती है।इलाहाबाद मुंबई के बीच तुलसी एक्सप्रेस भी चलती है। यह महाकवि तुलसी दास के नाम पर है।

संयोग है कि इस ट्रेन का संचालन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे होने के मौके पर किया गया । इस विश्वविद्यालय की स्थापना 4 फरवरी 1916 को हुई थी।
देश
में ज्यादातर रेलगाडियों के नाम वैसे तो नदियों के नाम पर हैं या फिर जिन राज्यों
से ट्रेन गुजरती हैं उनका कनेक्शन नाम में दिखाई देता है। जैसे गंगा कावेरी
एक्सप्रेस जो वाराणसी को चेन्नई से जोड़ती है। सरयू यमुना एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र
मेल, कालिंदी एक्स्प्रेस, गोदावरी एक्सप्रेस
(हैदराबाद –विशाखापत्तनम), क्षिप्रा एक्सप्रेस, तीस्ता तोरसा एक्सप्रेस, आदि। राज्यों और क्षेत्रों के नाम देखें- पंजाब
मेल, शाने पंजाब एक्सप्रेस, सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस, मंगला लक्षदीप एक्सप्रेस, महाकौशल एक्सप्रेस इस्टकोस्ट
एक्सप्रेस ।

ऐतिहासिक घटनाओं को याद दिलाती हुई भी ट्रेनों के तमाम नाम हैं – प्रथम स्वतंत्रता संग्राम एक्सप्रेस, सत्याग्रह एक्सप्रेस, जलियांवाला बाग एक्सप्रेस, नवजीवन एक्सप्रेस, सेवाग्राम एक्सप्रेस, आश्रम एक्सप्रेस, दीक्षाभूमि एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, आजाद हिंद एक्सप्रेस, अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस। संपूर्ण क्रांति और सत्याग्रह जैसे नाम नीतीश कुमार के रेलमंत्री रहने के कार्यकाल में सुझाए गए थे।
धार्मिक आस्था से जुड़े नाम - बहुत सी रेलगाड़ियों के नाम
धार्मिक आस्था से जुड़े हैं। इनकी बानगी भी देखिए - गरीब नवाज एक्सप्रेस, काशी
विश्वनाथ एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, गोल्डेन टेंपल मेल, गोरखधाम एक्सप्रेस,
प्रयागराज एक्सप्रेस, सचखंड एक्सप्रेस, महाबोधि एक्सप्रेस, सारनाथ एक्सप्रेस ।
इनमें हिंदू, मुस्लिम, सिख आस्था की झलक दिखाई दे जाती है। अलग अलग रेलगाड़ियों के
नामों पर गौर करें तो इसमें हमारी राष्ट्रीय एकता, संस्कृति की झलक बखूबी मिलती
है।
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( RAIL, MAHAMANA, BHU, VARANASI, BANARAS, UTTRAR PRADESH)